वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद
वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद की स्थापना 1942 में हुई। इसका मुख्यालय दिल्ली में है और इसके अधीन 38 राष्ट्रीय प्रयोगशालाएं है जो कि भारत के विभिन्न भागों में स्थित है। सी.एस.आई.आर. का महत्व भारत के अग्रणी अनुसंधान व विकास संगठन के रूप में है क्योंकि यह देश के आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक क्षेत्रों में विकास हेतु वैज्ञानिक और प्रौद्योगिक ढाँचे के रूप में कार्यरत है। इसके अनुसंधान व विकास कार्यकलाप वांतरिक्ष अभियांत्रिकी से समुद्रविज्ञान तक, कोशिकीय जीवविज्ञान से धातुकर्म तक, रासायनिक से खनन तक, खाद्य से पेट्रोलियम तक तथा चर्म से पर्यावरण तक सभी क्षेत्रों में व्याप्त है।
विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान व विकास कार्य तथा इन पर दक्षिण क्षेत्र की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए पाँच राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं के क्षेत्रीय केन्द्र एक ही परिसर में स्थापित किए गए जो सी.एस.आई.आर. मद्रास कॉम्प्लेक्स (सीएमसी)के नाम से जाना जाता है।
सी.एम.सी के मुख्य उद्देश्य:
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र मेंआंतरिक और बहुविषयक परियोजनाओं को आरम्भ करना।
- विशेषज्ञता के विभिन्न क्षेत्रों में सेवाओं को केंद्रीकृत करना।
- प्रशासन, लेखा, भंडार एवं क्रय, परिवहन, कार्यशाला, पुस्तकालय आदि सामान्य सुविधाओं को आपस में साझा करना।
इस कैंपस की अपनी विशिष्टता यह है कि एक ही परिसर में विद्युत-रसायन, इलेक्ट्रॉनिकी उपकरणीकरण, धातुकर्म और पर्यावरण अभियांत्रिकी के क्षेत्रों में अभियांत्रिकीविशेषज्ञता उपलब्ध है। यहाँ के वैज्ञानिकों, प्रौद्योगिविदों,प्रशासनिक और अन्य कर्मचारियों की कुल संख्या 230 है। यहाँ अत्याधुनिक उपकरणों, मशीनों और अवसंरचानाओं की सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
मद्रास कॉम्प्लेक्स में पाँच प्रयोगशालाओं के क्षेत्रीय केन्द्र हैं:
- केन्द्रीय विद्युत रसायन अनुसंधान संस्थान (सिक्री), कारैकुडी
- केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (सीरी), पिलानी
- केन्द्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन (सी.एस.आई.ओ.), चण्डीगढ़
- राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी), नागपुर
- राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (एन.एम.एल), जमशेदपुर